अम्बिकापुर. ज़िला बास्केटबॉल संघ की होनहार खिलाड़ी ने वो कर दिखाया है. जो हर खिलाड़ी की तमन्ना होती है. संघ में रेगुलर अभ्यास करने वाली एक खिलाड़ी का जॉब खेल कोटे से रेलवे में लग गया है. उसकी इस उपलब्धि से कोच राजेश प्रताप सिंह ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है. साथ ही ग्राउण्ड के अन्य खिलाड़ियों ने उर्वशी की इस उपलब्धि पर ख़ुशी ज़ाहिर की है.
अम्बिकापुर के स्टेडियम स्थित बॉस्केटबॉल ग्राउंड की होनहार खिलाड़ी उर्वशी नमूना कला पावर हाउस के पास रहती है. जिसने शुरुआत मे संघ के ग्राउण्ड में प्रशिक्षक राजेश प्रताप सिंह के निगरानी मे बास्केटबॉल के गुर सीखा. लेकिन अम्बिकापुर में अच्छा ग्राउण्ड और सुविधाए ना होने के कारण कोच ने उसकी खेल प्रतिभा को तराशने के लिए भिलाई भेजा था. उर्वशी 2013 से अम्बिकापुर स्थित बास्केटबॉल ग्राउण्ड में बास्केटबॉल का स्किल सीखने आई थी. लेकिन उसी दौरान उसके पिता का निधन होने के बाद उसने 2015 में एक बार फिर वापसी की. जिसके बाद उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा.
उर्वशी ने 2015 में ही बास्केटबॉल के सब जूनियर नेशनल टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ का नेतृत्व किया और गोल्ड मेडल प्राप्त किया. जिसके बाद 2016 में भी सब जूनियर खेलकर छत्तीसगढ़ के लिए गोल्ड मेडल हासिल किया. 2017 में यूथ नेशनल खेलकर चौथा स्थान प्राप्त किया. 2018 स्कूल नेशनल खेला . फिर 2019 फिर यूथ नेशनल और खेलो इंडिया खेलकर छत्तीसगढ़ का नेतृत्व किया. इसके बाद 2019 वूमेंस टीम इंडिया के लिए सलेक्ट हुई. लेकिन करोना के कारण कैंप रद्द हो गया. उर्वशी का सफ़र यहीं नहीं रूका उसने 2022 में बास्केटबॉल जूनियर नेशनल टूर्नामेंट खेलकर कांस्य पदक अर्जित किया. इसमें उर्वशी छत्तीसगढ़ टीम की कप्तान थी. इसी टूर्नामेंट के आधार पर उर्वशी बघेल का चयन बिलासपुर रेलवे ज़ोन में कर्मचारी के रूप में हुआ है.
उर्वशी रेलवे में जॉब शुरू करने के पहले अभी अम्बिकापुर में हैं और अपने साथियों को बास्केटबॉल के आधुनिक स्किल का अभ्यास करा रही हैं. कोच राजेश प्रताप सिंह और सात नेशनल खेलने वाली खिलाड़ी उर्वशी ने अम्बिकापुर में बास्केटबॉल के इंडोर स्टेडियम बनने पर ख़ुशी ज़ाहिर की है. उनका मानना है कि इंडोर ग्राउण्ड बनने से आदिवासी अंचल के और बेहतर खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा. और ऐसे ही सरकारी नौकरियों में स्थान बनाएगें.
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