*बास्केटबाल*
सरगुजा जिला में बास्केटबाल खेल का प्रचलन बहुत ही पुराना है। यह खेल सरगुजा जिला में निश्चित जगहों पर खेला जाता था। मुख्य तह बास्केटबाल खेल सरगुजा जिला अंतर्गत नवापारा में स्थित सेन्ट जेवियर्स स्कूल के प्रांगण में खेला जाता था, इसके अलावा पी. जी. कालेज अम्बिकापूर में खेला जाता था।
सरगुजा जिला के अन्तर्गत के ब्लाक सीतापुर में खेला जाता था।
**सरगुजा जिला में बास्केटबाल खेल का मुख्य रुप से अस्तित्व 2003 से प्रारम्भ हुआ। 2003 राजेश प्रताप सिंह के द्वारा बास्केटबाल खेल का क्लब बनाया गया। क्लब गठन करने के लिए स्कूल व कालेजों के छात्रों से सम्पर्क करने का प्रयास किया जाने लगा, इस प्रयास में राजेश प्रताप सिंह जी के बड़े भाई धनेश प्रताप सिंह जी बहुत सहयोग किये। 1998 में पी. जी. काॅलेज के बास्केटबाल टीम के प्रचलित खिलाड़ी हुआ करते थे। उन्होंने अपने बास्केटबाल टीम के सदस्यों के साथ सरगुजा में बास्केटबाल क्लब बनाने में सभी का सहयोग रहा।
बास्केटबाल खेल में राजेश प्रताप सिंह जी रुझान उनके बड़े भाई के कारण हुआ, 1996 में बड़े भाई के द्वारा बास्केटबाल घर पर लाया गया। वह बास्केटबाल पहली बार राजेश प्रताप सिंह जी को देखते ही रोचकता बढ़ गया, तभी अपने बड़े भाई से बास्केटबाल खेल के बारे पुछने लगे। बास्केटबाल खेल के बारे उनके बड़े भाई के द्वारा बताया गया। उसके बाद राजेश प्रताप सिंह जी ने बास्केटबाल खेल का अभ्यास करना प्रारंभ किया, धीरे-धीरे बास्केटबाल का ड्रिबल व शुटिंग करना सिख गये।
उसके बाद राजेश प्रताप सिंह अपने दोस्तों के साथ इस खेल के बारे बताया और दोस्तों के साथ बास्केटबाल टीम बनाने लगे। टीम बनाने से लेकर टीम को सिखाने का कार्य स्वयं राजेश प्रताप सिंह करते थे।
राजेश प्रताप सिंह स्कूल बास्केटबाल टीम के कप्तान बने सरगुजा संभाग के, राजेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में सरगुजा संभाग की टीम पहला राज्य स्तरीय भोपाल (मध्य प्रदेश) और दुसरा राज्य स्तरीय ग्वालियर (मध्य प्रदेश) खेले।
राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि उन्की पढ़ाई मल्टीपरपज स्कूल अम्बिकापूर हुई, उस वक्त मल्टीपरपज स्कूल में बास्केटबाल ग्राउंड के नाम पर एक पोल वाली टुटा – फुटा लकड़ी का बोर्ड हुआ करता था।
राजेश प्रताप सिंह जब इनकी टीम ग्वालियर से बास्केटबाल खेल कर लौटी तब मल्टीपरपज स्कूल के तत्कालिन प्राचार्य आनंद दासगुप्ता व साथ ही मल्टीपरपज स्कूल के व्यायाम शिक्षक स्वर्गीय शोमनाथ राय हुआ करते थे।
राजेश प्रताप सिंह की बास्केटबाल टीम व व्यायाम शिक्षक के साथ प्राचार्य के पास एक बास्केटबाल ग्राउंड बनाने का मांग रखा गया। इसी वर्ष स्कूल की पढ़ाई समाप्त हो गई। उसके अगले वर्ष तत्कालीन प्राचार्य आनंद दासगुप्ता व व्यायाम शिक्षक स्वर्गीय शोमनाथ राय सर द्वारा मल्टीपरपज स्कूल में बास्केटबाल ग्राउंड का निर्माण किया गया।
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सरगुजा जिला में बास्केटबाल कल्ब का गठन 2003 किया गया। सरगुजा जिला के पहली बार पुरुष बास्केटबाल टीम बाहय प्रतियोगिता(ओपन चैम्पियनशिप प्रतियोगिता) के लिए बना। सरगुजा जिला का पहला ओपन चैम्पियनशिप प्रतियोगिता रायगढ़ खेलने गई, इस प्रतियोगिता में सरगुजा जिला की टीम का अच्छा प्रदर्शन रहा।
सरगुजा जिला बास्केटबाल कल्ब का अस्थाई तौर पर सरगुजा जिला बास्केटबाल संघ का गठन किया गया। सरगुजा जिला बास्केटबाल संघ का प्रशिक्षण केन्द्र मल्टीपरपज स्कूल को बनाया गया, इस प्रशिक्षण केन्द्र में बास्केटबाल खेल का कोचिंग राजेश प्रताप सिंह के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाने लगा। इस प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ में 10-11 लड़कों के द्वारा किया गया। 2005 सरगुजा जिला बास्केटबाल संघ का पंजीयन कराया गया। 2005 सरगुजा जिला बास्केटबाल संघ पुर्ण रुप अस्तित्व में आया।
इस प्रकार सरगुजा जिला बास्केटबाल संघ का संचालन शुरू हुआ। 2005 में स्थानीय स्तर का बालकों के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण कैम्प लगाया गया।
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